PCOS के लक्षण नहीं बनने देंगे मां, स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया बांझपन से बचने का तरीका
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PCOS के लक्षण नहीं बनने देंगे मां, स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया बांझपन से बचने का तरीका


Pregnancy With PCOS: पीसीओएस में प्रेग्नेंसी की संभावना कम हो जाती है. इसे यदि समय पर मैनेज ना किया जाए तो कंसीव करने का एकमात्र तरीका आईवीएफ ही रह जाता है, जो कि काफी महंगा है. 

PCOS के लक्षण नहीं बनने देंगे मां, स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया बांझपन से बचने का तरीका

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ( PCOS) एक आम समस्या है जो प्रजनन क्षमता वाली लगभग 10% महिलाओं को प्रभावित करती है. हालांकि इसके होने के पीछे के कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है. लेकिन इसके लक्षणों में हार्मोनल असंतुलन के कारण अनियमित पीरियड्स, मेटाबॉलिक समस्याएं जैसे इंसुलिन प्रतिरोध, त्वचा पर मुंहासे और अधिक बाल आना शामिल है. इसके कारण कई महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाई होती है.

डॉ. आस्था दयाल, निदेशक- प्रसूति एवं स्त्री रोग, सी के बिरला अस्पताल, गुरुग्राम बताती हैं, पीसीओएस महिलाओं में होने वाली इंफर्टिलिटी का एक मुख्य कारण है. हालांकि इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है. लेकिन ट्रीटमेंट से इसके लक्षणों को कंट्रोल करना मुमकिन है, जिससे कंसीव करने में समस्या नहीं आती है.

पीसीओएस प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है?

पीसीओएस से जुड़े हार्मोनल असंतुलन, जिसमें इंसुलिन और एंड्रोजन के उच्च स्तर शामिल हैं, ओवुलेशन में बाधा डालते हैं. इसके कारण अनियमित या पीरियड रूक-रूक कर आने की समस्या होती है. फिर इससे अंडे बनाने और रिलीज करने का प्रोसेस बिगड़ जाता है, जो कि कंसीव करने के लिए बहुत अहम है. 

30 प्रतिशत महिलाएं नहीं कर पाती कंसीव

पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए जिनका नियमित ओवुलेशन नहीं होता है, गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है. इन ओवुलेशन असामान्यताओं के कारण लगभग 30% पीसीओएस वाली महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाई होती है. इसके अलावा पीसीओएस की एक प्रमुख विशेषता इंसुलिन प्रतिरोध है, जो हार्मोनल असंतुलन को बढ़ाता है और मधुमेह, मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसी अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है, जो प्रजनन क्षमता और सामान्य स्वास्थ्य को जटिल बनाती हैं.

कैसे करें पीसीओएस को मैनेज

- पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है. फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, दुबले मांस और स्वस्थ वसा से भरपूर कम कार्बोहाइड्रेट वाला आहार लें. यह वजन और इंसुलिन के स्तर के प्रबंधन में सहायता करके समग्र हार्मोनल संतुलन को बढ़ाता है.

- तेज चलना या तैराकी जैसे नियमित व्यायाम करने से वजन कम करने, इंसुलिन प्रतिरोध कम करने और हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. सप्ताह में तीन से पांच बार कम से कम 30 मिनट का मध्यम व्यायाम करें.

- योग या ध्यान से तनाव कम करने का प्रजनन क्षमता पर लाभकारी प्रभाव पड़ सकता है. तनाव कम करने से सामान्य भलाई और हार्मोन संतुलन में योगदान होता है.

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PCOS के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट  

मेटफॉर्मिन- यह दवा बेहतर ओवुलेशन, नियमित मासिक धर्म को बढ़ावा देता है और इंसुलिन प्रतिरोध को नियंत्रित करने में मदद करता है. 

ओवुलेशन इंडक्शन के लिए दवाएं- लेट्रोज़ोल या क्लोमिफेन सिट्रेट जैसी दवाएं अंडों के विकास और रिलीज को बढ़ावा देती हैं. अंडाशय हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम और बहु-गर्भधारण जैसे खतरों के कारण इन्हें सावधानीपूर्वक लिया जाना चाहिए.

इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन (IUI) और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF)- इन तकनीकों से पीसीओएस वाली महिलाओं के मां बनने की संभावना को बढ़ाया जाता है. खासकर जब जीवनशैली में बदलाव और दवाएं अपर्याप्त होती हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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